रंज में जो तेरी तस्वीर मिटाने मैं चला
हया हुस्न और अदा.. मेरे आड़े आ गए
जरा सा मुस्कुराया मैं तेरे जाने के बाद
मेरा गम और बढ़ने जखम सारे आ गए
बेखबर होने को हमने जरा सी मांगी शराब
मुझको पी जाने की खातिर जहर सारे आ गए
वफ़ा पे जिनकी हमें नाज था जमाने से
मेरी हस्ती को मिटाने सनम सारे आ गए
ये तो अच्छा हुआ मलंग बस आशिक निकले
वरना करवाने इबादत.. खुदा सारे आ गए