तुम्हें यकीं नहीं अगर, कहां मुझ में भी वफा थी
तब ये इश्क नहीं, दो जवां दिलों की खता थी
भूल ना पाएंगे इक पल भी उम्र भर के लिए
बिछड़ते वक्त मगर बात ये दोनों को पता थी
(मलंग)
तब ये इश्क नहीं, दो जवां दिलों की खता थी
भूल ना पाएंगे इक पल भी उम्र भर के लिए
बिछड़ते वक्त मगर बात ये दोनों को पता थी
(मलंग)