न मेरे पास आती है.. न मुझसे दूर जाती है,
ये कैसी तेरी चाहत है जो मेरा दिल जलाती है ।
मजा लूं हुस्न का.. या सादगी पर मैं करूं सजदा,
कभी फूलों सी नाजुक.. और कभी बिजली गिराती है ।
हजारों रंग हैं... हर रंग उसका खूबसूरत है,
कभी दिल हारती है... और कभी दिल तोड़ जाती है ।
मैं हूं तन्हा.. मगर
फिर भी जहन में कश्मकश सी है,
कभी मैं याद करता
हूं... कभी वो याद आती है।