पीर बिछड़ने की मिट्टी से
जो बिछड़ा उसने जानी
सौंधी-सौंधी यादें महकें
जब आंख से बरसे पानी
मिट्टी में बापू के किस्से
गूंजे पीर फकीर की बानी
मिट्टी में मां दिखती मुझको
ओढ़े चूनर धानी...
जग घूमा सौदागर बनकर
बेचा सोना-चांदी...
मिलकर अपनी मिट्टी में
माटी की कीमत जानी
heds of you
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