Saturday 23 July 2011

यूं ही बारिश पे...

यूं बरस रहा है बादल जमीन पे आज
के हों ख्वाब मोहब्बत के और गुजरे न रात
नजर भी नहीं हटती है ... उनके चेहरे से
और डर लगा है ये भी... के खुल जाए ना राज

(भोपाल में लगातार तीसरे दिन भी बारिश चल रही है... उसी पर कुछ ख्याल )

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